तुम रहो ना रहो इस जहाँ में,
सिलसिले यूँ ही चलते रहेंगे !
ना ही बदलेगा घर ना ये आँगन,
रहने वाले बदलते रहेंगे !!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
सिलसिले यूँ ही चलते रहेंगे !
ना ही बदलेगा घर ना ये आँगन,
रहने वाले बदलते रहेंगे !!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
- ज्ञान चंद मर्मज्ञ
3 टिप्पणियां:
यह जग एक सराय है..
Dhanyawad Anita ji.
एक टिप्पणी भेजें