दिल में जो धड़क जाए उसे जान समझ लेना
मिटटी को मेरे रूप की पहचान समझ लेना
दुश्मन को भी गले से लगा लें जहाँ के लोग
उस देश को बस अपना हिन्दुस्तान समझ लेना.
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ