ज्योति पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक मंगलकामनाएं !
आज इन्ही दीयों के माध्यम से अपने आस पास की सच्चाई की कुछ तस्वीरें उकेरने की कोशिश कर रहा हूँ !
आप सब के आशीर्वाद एवं विचारों की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी !
लगता है दीवाली है यारो
हर दीप सवाली है यारो
हर दीप सवाली है यारो
लगता है दीवाली है यारो
दिल काला है तो होने दो
चेहरे पर लाली है यारो
वो फूलों का कातिल निकला
जो बाग़ का माली है यारो
बेटे के हाथों फिर धोखा
माँ भोली - भाली है यारो
जो आधे ज्ञान पे इतराए
वो आधा खाली है यारो
इंसानों की इस बस्ती में
हर चेहरा जाली है यारो
गेहूँ की रोटी खाने को
सोने की थाली है यारो
उनके भाषण से देश चले
बजने को ताली है यारो
वो जंगल काट कहें देखो