हिंदी-दिवस की शुभकामनायें
जिसकी आँखों में लाचार सपने,
जिसकी वाणी में अमृत-कलश है,
उसको देखा तो फिर याद आया,
देश में आज हिंदी-दिवस है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
जिसकी आँखों में लाचार सपने,
जिसकी वाणी में अमृत-कलश है,
उसको देखा तो फिर याद आया,
देश में आज हिंदी-दिवस है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
1 टिप्पणी:
जिसकी वाणी में अमृत कलश हो वह लाचार कैसे हो सकती है...
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