इस नयन से उस नयन तक,
इस धरा से उस गगन तक,
भोर की उजली किरण तक,
दीप तुम जलते ही रहना !
दीपावली की अनन्त शुभकामनायें !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
इस धरा से उस गगन तक,
भोर की उजली किरण तक,
दीप तुम जलते ही रहना !
दीपावली की अनन्त शुभकामनायें !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
1 टिप्पणी:
बधाई प्रकाशन पर ... और दीपों के पर्व दीपावली की ...
एक टिप्पणी भेजें