जाने कैसा कमाल करता है ,
एक पल में निहाल करता है !
रंग माटी का चाहे जैसा हो ,
फिर भी फूलों को लाल करता है !!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
एक पल में निहाल करता है !
रंग माटी का चाहे जैसा हो ,
फिर भी फूलों को लाल करता है !!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
- ज्ञान चंद मर्मज्ञ
4 टिप्पणियां:
बढ़िया मुक्तक।
माती की खासियत यही है ...
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ ...
बहुत सुंदर...बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट पढ़ी
............. अनुपम भाव संयोजन
Recent Post शब्दों की मुस्कराहट पर ….... बारिश की वह बूँद:)
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