ज्योति पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक मंगलकामनाएं !
आज इन्ही दीयों के माध्यम से अपने आस पास की सच्चाई की कुछ तस्वीरें उकेरने की कोशिश कर रहा हूँ !
आप सब के आशीर्वाद एवं विचारों की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी !
लगता है दीवाली है यारो
हर दीप सवाली है यारो
हर दीप सवाली है यारो
लगता है दीवाली है यारो
दिल काला है तो होने दो
चेहरे पर लाली है यारो
वो फूलों का कातिल निकला
जो बाग़ का माली है यारो
बेटे के हाथों फिर धोखा
माँ भोली - भाली है यारो
जो आधे ज्ञान पे इतराए
वो आधा खाली है यारो
इंसानों की इस बस्ती में
हर चेहरा जाली है यारो
गेहूँ की रोटी खाने को
सोने की थाली है यारो
उनके भाषण से देश चले
बजने को ताली है यारो
वो जंगल काट कहें देखो
11 टिप्पणियां:
ज्ञान चंद जी... बहुत अच्छी ग़ज़ल..कुछखोयेमूल्यों को पुनः तलाशती ग़ज़ल!!
आपको दीपवाली की हार्दिक
शुभकामनायें .....सादर
बहुत सटीक!!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
बहुत अच्छी रचना, आपको भी दीपावली की शुभकामनाये
sparkindians.blogspot.com
सुन्दर रचना, दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें।
बेहतरीन।
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
बहुत सुंदर गजल!...दिपावली की हार्दिक शुभ-कामनाएं!
आदरणीय सलिल जी,चैतन्य जी,समीर जी,प्रवीण जी,मनोज जी,डा.अरुणा जी,और संगीतापुरी जी,
आप सभी को मेरा मनोबल बढाने हेतु कोटिशः धन्यवाद !
दीपावली की अनंत शुभकामनायें!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
दीपावली की शुभकामनाये !
आपको,सभी ब्लॉगर मित्रों, पाठकों व उनके परिवार जनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
सामयिक और सुन्दर लेखन
यश, वैभव, सम्मान में,करे निरंतर वृद्धि.
दीवाली का पर्व ये , लाये सुख - समृद्धि.
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
कुँवर कुसुमेश
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