ज्ञानचंद मर्मज्ञ

मेरे बारे में

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Bangalore, Karnataka, India
मैंने अपने को हमेशा देश और समाज के दर्द से जुड़ा पाया. व्यवस्था के इस बाज़ार में मजबूरियों का मोल-भाव करते कई बार उन चेहरों को देखा, जिन्हें पहचान कर मेरा विश्वास तिल-तिल कर मरता रहा. जो मैं ने अपने आसपास देखा वही दूर तक फैला दिखा. शोषण, अत्याचार, अव्यवस्था, सामजिक व नैतिक मूल्यों का पतन, धोखा और हवस.... इन्हीं संवेदनाओं ने मेरे 'कवि' को जन्म दिया और फिर प्रस्फुटित हुईं वो कवितायें,जिन्हें मैं मुक्त कंठ से जी भर गा सकता था....... !
!! श्री गणेशाय नमः !!

" शब्द साधक मंच " पर आपका स्वागत है
मेरी प्रथम काव्य कृति : मिट्टी की पलकें

रौशनी की कलम से अँधेरा न लिख
रात को रात लिख यूँ सवेरा न लिख
पढ़ चुके नफरतों के कई फलसफे
इन किताबों में अब तेरा मेरा न लिख

- ज्ञान चंद मर्मज्ञ

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शनिवार, 1 जनवरी 2011

हो गया ग़म पुराना नए साल में

        नूतन वर्ष २०११ की अनंत हार्दिक शुभकानाएँ

                 हो  गया   ग़म  पुराना  नए  साल  में  
                 छोड़ो   सुनना   सुनाना  नए साल  में


                 सीख  लो  मुस्कराने  की  प्यारी अदा
                 ना   चलेगा   बहाना   नए   साल   में


                 जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
                 उनके  घर  पर  भी जाना नए साल में


                 लाज़  धनिया की बेटी की महफूज़  है
                 छोड़ो   बातें   बनाना   नए   साल  में


                 जा   के   दुश्वारियों  से  कहो  ढूंढ़  लें 
                 और   कोई   ठिकाना   नए  साल  में


                 नोच  कर  खाने  वालों दरिंदों से तुम
                 देश  अपना   बचाना   नए  साल  में


                 चाल  बदली  हुई   है ज़माने  की अब
                 तुम  बदल  दो  ज़माना नए साल  में 

                                                  नव वर्ष मंगलमय हो ! 
                                                         -ज्ञानचंद  मर्मज्ञ  

55 टिप्‍पणियां:

सुज्ञ ने कहा…

आपको,नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं !!बंधु
आपके अभिष्ट कार्य और शुभ संकल्प पारिपूर्ण हो!!

कडुवासच ने कहा…

नया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर आह्वान ।
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ......

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों का संगम है इस रचना में ...बधाई इस बेहतरीन अभिव्‍यक्ति के लिये ।

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति. ....... नये वर्ष की शुभकामनाये.

संध्या शर्मा ने कहा…

चाल बदली हुई है ज़माने की अब
तुम बदल दो ज़माना नए साल में
Bahut gahrai hai aapki soch me, ati sunder. Happy New Year to u & your family......

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति
नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको और आपके परिवार को मेरी और से नव वर्ष की बहुत शुभकामनाये ......

डॉ टी एस दराल ने कहा…

इस सार्थक रचना के साथ आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

बेनामी ने कहा…

बहुत सुन्दर ज्ञानचंद जी.....आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें|

Arvind Jangid ने कहा…

मर्मज्ञ जी,

नव वर्ष की हार्दिक सुभ कामना स्वीकार करें.

http://arvindjangid.blogspot.com/

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

क्या बात है ज्ञान जी!
एक एकशेर लाजवाब... अच्छी शुभकामनाएँ!! ईशवर आपके जीवन में भी खुशियाँ लाए नये साल में!!

Kunwar Kusumesh ने कहा…

जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
उनके घर पर भी जाना नए साल में

जा के दुश्वारियों से कहो ढूंढ़ लें
और कोई ठिकाना नए साल में

चाल बदली हुई है ज़माने की अब
तुम बदल दो ज़माना नए साल में

मर्मज्ञ जी, ये तीनों शेर मेरे दिल को छू गए.आपकी क़लम का जवाब नहीं. नए साल की हार्दिक शुभकामनायें.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

नोच कर खाने वालों दरिंदों से तुम
देश अपना बचाना नए साल में


चाल बदली हुई है ज़माने की अब
तुम बदल दो ज़माना नए साल में

बहुत खूबसूरती से आह्वान किया है नए साल का ...

नव वर्ष की शुभकामनाएं

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपेक्षाओं से भरा अगला वर्ष।

Sushil Bakliwal ने कहा…

सर्वहितैषी अपेक्षाएँ.
ईश्वर करे पूर्ण हों...
नूतन वर्षाभिनन्दन !

Dorothy ने कहा…

जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
उनके घर पर भी जाना नए साल में

जा के दुश्वारियों से कहो ढूंढ़ लें
और कोई ठिकाना नए साल में

चाल बदली हुई है ज़माने की अब
तुम बदल दो ज़माना नए साल मे

दिल की गहराईयों को छूने वाली एक खूबसूरत, संवेदनशील और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति. आभार.

अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.

आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.

Satish Saxena ने कहा…

बड़ी मस्त रचना है मर्मज्ञ भाई ! आभार

आचार्य परशुराम राय ने कहा…

नव वर्ष पर उमंग भरी अच्छी ग़ज़ल। नव वर्ष 2011 के उपलक्ष में ढेर सारी शुभकामनाएँ।

Surendra Singh Bhamboo ने कहा…

श्रीमान जी आपको परिवार सहित व ब्लॉग जगत के सभी पाठकों को परिवार सहित हमारी तरफ सें नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

निर्मला कपिला ने कहा…

जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
उनके घर पर भी जाना नए साल में।
बहुत सुन्दर सन्देश दिया है नये साल का। धन्यवाद। आपको भी सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

खबरों की दुनियाँ ने कहा…

अच्छी पोस्ट ,नववर्ष की शुभकामनाएं । "खबरों की दुनियाँ"

वाणी गीत ने कहा…

नए साल में बदल दो जमाना नयी चाल में , यही उम्मीद जगाये रखेंगे ...
नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !

रश्मि प्रभा... ने कहा…

सीख लो मुस्कराने की प्यारी अदा
ना चलेगा बहाना नए साल में
bilkul nahi chalega... naye varsh ki shubhkamnayen

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

bahut sundar kavita wish you a happy new year

ज्योति सिंह ने कहा…

aapki aabhari hoon main ,aapko bhi nav barsh mangalmai ho ,aapki rachna man ko bha gayi ,yahan aana achchha laga .

santosh pandey ने कहा…

marmagyaju naya sal mubarak ho.

करण समस्तीपुरी ने कहा…

लाज़ धनिया की बेटी की महफूज़ है
छोड़ो बातें बनाना नए साल में.........

वाह-वाह.... ऐसा ही हो नया साल...

ZEAL ने कहा…

.

जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
उनके घर पर भी जाना नए साल में

नए साल में नहीं उमंग से भरी इस सुन्दर रचना के लिए बधाई।

.

Amit K Sagar ने कहा…

-
सपरिवार आपको नव वर्ष की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.
नव वर्ष २०११ और एक प्रार्थना

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

जाके दुश्वारियों से कहो ढूंढ़ लें
और कोई ठिकाना नए साल में

बहुत खूब मर्मज्ञ जी,
कमाल की शायरी की है आपने नए साल में।

ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

Unknown ने कहा…

आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं

रंजना ने कहा…

चाल बदली हुई है ज़माने की अब
तुम बदल दो ज़माना नए साल में



यह हो सका तभी नए साल के जश्न की सार्थकता होगी और सच्चे अर्थों में इसे नया साल कहा जा सकेगा...

आशाओं के लरबेज बहुत ही सुन्दर इस रचना के लिए आपका आभार...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सीख लो मुस्कराने की प्यारी अदा
ना चलेगा बहाना नए साल में ...

सच है कुछ नया होना चाहिए नये साल में ... सुंदर प्रस्तुति .... आपको और परिवार में सभी को नव वर्ष मंगलमय हो ...

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

bhai marmagyaji bahut bahut shukriya mera geet aapko achchha laga.aapko bhi navvarsh ki shubhkamnayen

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

umda gazal.
har sher lajwab.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
उनके घर पर भी जाना नए साल में

वाह...कितनी प्यारी सोच है...बेहद खूबसूरत रचना...बधाई

नीरज

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

नया साल शुभ हो.

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

are vaah....aapne to hila diya pahale hi din naye saal men....!!

amit kumar srivastava ने कहा…

नव वर्ष की शुभ कामनाएं।

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

नव वर्ष के प्रथम पोस्ट पर मेरा हौसला बढाने के लिए सभी पाठकों एवं शुभचिंतकों के प्रति आभार प्रकट करता हूँ !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

shikha varshney ने कहा…

खूबसूरत आह्वान नए साल का.
आपको नववर्ष की ढेरों शुभकामनाये.

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

M VERMA ने कहा…

नोच कर खाने वालों दरिंदों से तुम
देश अपना बचाना नए साल में
सुन्दर आह्वान
नया साल खुशगवार हो

कडुवासच ने कहा…

... nav varsh ki haardik badhaai va shubhakaamanaayen !!

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

तुम बदल दो ज़माना नए साल में ,
- बहुत शुभ-विचार है .सभी सफल हों सुयत्न नये साल में !

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

काश ! नया साल हमारी इच्छाएँ पूरी कर दे...।

शारदा अरोरा ने कहा…

जिनकी चौखट से राहें कभी मुड़ गयीं
उनके घर पर भी जाना नए साल में
kitni pyaari hai ye baat
shubhkaam nayen naye saal ke liye ..

स्वाति ने कहा…

badi acchi aur sarthak gazal ke liye aabhar...

अश्विनी कुमार रॉय Ashwani Kumar Roy ने कहा…

Nice epressions for the new year. I wish you a happy new year-2011.

deepti sharma ने कहा…

naya sal aapko bahut mubarak

bahut sunder rachna
is bar mere blog par

" मैं "
kabhi yha bhi aaye

Suman ने कहा…

bahut sunder.
nav varsh hardik shubhkamnaye........

कुमार राधारमण ने कहा…

एक कोशिश मैं भी करूंगा,जितना बन पड़े।

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

जी हाँ सपने तब सच निकलते हैं जब आपने अनायास बिना किसी सोच-विचार के देखें हों और उनसे आपने बचाव करने में सफलता पाई यह अच्छी बात है.