tag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post5457983429613582876..comments2023-09-23T13:07:16.022+05:30Comments on मर्मज्ञ: "शब्द साधक मंच": सबसे ऊँचा गगन का सितारा, उससे ऊँचा तिरंगा हमारा !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttp://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comBlogger62125tag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-91232906402763145102011-02-02T16:39:13.651+05:302011-02-02T16:39:13.651+05:30भाव, भाषा और शिल्प में निबद्ध गणतंत्र दिवस के अवसर...भाव, भाषा और शिल्प में निबद्ध गणतंत्र दिवस के अवसर पर बहुत ही सुंदर देशभक्ति से परिपूर्ण गीत के लिए बधाई।डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-41247586695171882852011-01-30T17:18:42.924+05:302011-01-30T17:18:42.924+05:30सो चुके अब बहुत जाग जाओ,
सीख लो राष्ट्र के गीत ...सो चुके अब बहुत जाग जाओ,<br />सीख लो राष्ट्र के गीत गाओ,...<br /><br />आज इस बात की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है ... ऊँचा और ऊँचा झंडा हों चाहिए ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-67296117547760055702011-01-29T19:32:15.349+05:302011-01-29T19:32:15.349+05:30लेखकगन कुछ कारणों से मै परेसान हूँ आजकल .........लेखकगन कुछ कारणों से मै परेसान हूँ आजकल ..........मै अपने परिवेश में कुछ माहौल ऐसा देख रही जिससे मेरे अन्दर एक आक्रोश भर जा रहा .......आज भी हमारे समाज में विवाह और प्रेम एक गलत धारणा ही बन कर रह गयी है ,बहुत अशांत है मन ,जब भी ये सुनती हूँ .एक सर्वगुण संपन्न लड़की तबतक माता पिता के लिए अच्छी रहती है जबतक वो उनके मर्जी से जिए ,पर जैसे ही वो अपने विवाह को लेकर अपने फैसले पर अटल हो जाये माता पिता के लिए सबसे बड़ी बोझ और ना जाने क्या क्या.बन जाती है क्या प्रेम विवाह गुनाह है ?? क्यों आज भी जाति बंधन का ढोल पीटनेवाले माता पिता अपने अंधे स्वार्थ के लिए अपने ही बच्चों की खुशियों की तिलांजलि दे रहे . मुझे इस विषय पर चर्चा करना है पर, चाहती हूँ कुछ लोगों की राय क्या है ? क्या ये परम्परा और आधुनिकता की दवंद में माता पिता हर बार बच्चो की खुशियाँ की बलि लें ,या फिर कभी अपनी भी सोंच को बच्चो के अनुसार ढालें, या विवाह एक समझौता है कह कर जबरन अपनी बेटी बेटों को सारी जीवन एक रिश्ते को ढोने पर मजबूर कर दें... आशा है इस विषय को आप भी उठायें आज के समाज के लिए ये ओनर किलिंग एक विचारार्थक विषय बन गया है क्योंकि मैंने अपने आस पास २, ३, लोगो को इसी कारण आत्महत्या करते देख लिया है ये कह कर की हम जीवन एक दुसरे के बिना नहीं काट सकते .........जब दो लोग अपना जीवन का भला बुरा तय कर अपनी ज़िन्दगी के उतार चदाव को महसूस करने के लिए उन्हें सहने के लिए तैयार हैं तो क्या बुराई है ऐसे रिश्तों को मान्यता देने में..........हम लेखक लोग हैं और किसी भी सामाजिक राजनीतिक विसंगति पर मन विद्रोही हो जाता है .........इस विषय को जरुर उठाने में मेरा साथ दें. <br />आभारडॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-81527882532189260252011-01-29T19:30:56.592+05:302011-01-29T19:30:56.592+05:30सुन्दर अभिव्यक्ति…………………नमन है …………देश प्रेम से ओत...सुन्दर अभिव्यक्ति…………………नमन है …………देश प्रेम से ओत-प्रोत रचना।डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-35294678253824003492011-01-29T18:38:58.644+05:302011-01-29T18:38:58.644+05:30जब भी लहराए ये आसमाँ में,
कोई दुश्मन दिखे ना जहाँ ...जब भी लहराए ये आसमाँ में,<br />कोई दुश्मन दिखे ना जहाँ में,<br />मिट गए वो मिटाने जो आये, <br />गोरे हारे सिकंदर भी हारा !<br /><br /> बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति आपसे बहुत कुछ सिखने को मिला हैkhttps://www.blogger.com/profile/10169994808833324610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-33228546550440362042011-01-28T19:58:27.552+05:302011-01-28T19:58:27.552+05:30जब भी लहराए ये आसमाँ में,
कोई दुश्मन दिखे ना...जब भी लहराए ये आसमाँ में,<br />कोई दुश्मन दिखे ना जहाँ में,<br />मिट गए वो मिटाने जो आये, गोरे हारे सिकंदर भी हारा <br /><br /><br />जोश और उत्साह से परिपूर्ण कविता ...आपका शुक्रियाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-63955995383324340952011-01-28T16:32:45.165+05:302011-01-28T16:32:45.165+05:30फेंक देते जो 'मर्मज्ञ' हँसकर,
ए...फेंक देते जो 'मर्मज्ञ' हँसकर,<br /> एक कपड़े का टुकड़ा समझकर,<br /> रह सकेंगे ना वो इस ज़मीं पर, लौट जाएँ जहाँ हो ग़ुजारा<br />bahut hi sundar ,badhai ho aapko ,jai hind .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-68291261832120321372011-01-28T12:24:12.725+05:302011-01-28T12:24:12.725+05:30garv se bhar dene wali rachna hai yah gyan chand j...garv se bhar dene wali rachna hai yah gyan chand ji ....jai hind.....स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-4054178690697410542011-01-28T10:50:15.305+05:302011-01-28T10:50:15.305+05:30सो चुके अब बहुत जाग जाओ,
सीख लो राष्ट्र के गीत ...सो चुके अब बहुत जाग जाओ,<br />सीख लो राष्ट्र के गीत गाओ,<br />जिनको आता नहीं 'जन-गण-मन',<br />अब करेंगे ना उनको गंवारा......<br /><br />ज्ञान जी भाव विह्वल कर गई आपकी पंक्तियाँ ....<br />काश ये कवितायेँ ही उन्हें जगाने में कामयाब हों जो सोये हुए हैं ..... ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-23018205112066251682011-01-27T20:46:05.629+05:302011-01-27T20:46:05.629+05:30वाह... आपके वतनपरस्ती के जज्बे को सलाम. एक दिन में...वाह... आपके वतनपरस्ती के जज्बे को सलाम. एक दिन में इतनी सारी स्नेहिल और प्रबुद्ध प्रतिक्रियाएं आपकी लेखिनी की लोकप्रियता का द्योतक हैं. प्रतुल वशिष्ठजी की प्रतिक्रिया ने मुझे विशेष आकृष्ट किया है. दरअसल अव्याप्ति, अतिव्याप्ति, या परिव्याप्ति काव्य-दोष नहीं अपितु लक्षण (परिभाषा) दोष है. गुरुजनों के संसधि से जहां तक मैं सीख पाया हूँ "अतिव्याप्ति दोष वहाँ होता है जहां परिभाषा परिभाष्य से इतर भी लागू होती है।" इस प्रकार यह परिभाषा का दोष है. काव्य के प्रसाद में इससे हानि नहीं हो रही.... ख़ासकर देशभक्ति हास्यास्पद होने जैसी बात में तर्क का अभाव दिख रहा है. एक पुरानी कविता याद आती है, 'हमारा देश भारत है नदी गोदावरी गंगा.... उसकी पंक्तियाँ भी थी सिकंदरविश्वविजयी की जहां तलवार टूटी है. तिरंगे से सिकंदर के हारने से कवि का अभिप्राय भारत की प्रभुता के आगे विश्व के नतमस्तक होने से मालुम पड़ रहा है. पुनश्च ये मेरे विचार हैं. कवि या आलोचक की सहमति न हो तो नादाँ समझ कर माफ़ कर देंगे. लेकिन मेरा विश्वास है कि इसी प्रकार के स्वस्थ्य संवाद से साहित्यिक समझ विकसित होगी. अंत में सभी भारतीय को भारत के गणतंत्र दिवस की शुभ-कामनाएं !!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-24685106148617969082011-01-27T20:26:33.017+05:302011-01-27T20:26:33.017+05:30लेके ख्वाहिश जिए जा रहे हैं,
आराज़ू ये ...लेके ख्वाहिश जिए जा रहे हैं,<br /> आराज़ू ये किये जा रहे हैं,<br /> फिर से क़ुर्बान होंगे इसी पर, जब कभी जन्म लेंगे दुबारा !<br /><br />झंडा ऊंचा रहे हमारावीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-12320361036281505312011-01-27T17:24:40.691+05:302011-01-27T17:24:40.691+05:30मन भावुक हो गया...
शत शत नमन राष्ट्र और हमारे tir...मन भावुक हो गया...<br /><br />शत शत नमन राष्ट्र और हमारे tirange ko ...<br /><br />aapkee lekhnee ko bhi नमन !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-47246946597117953172011-01-27T15:59:58.536+05:302011-01-27T15:59:58.536+05:30उससे ऊँचा तिरंगा हमारा ……………बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...उससे ऊँचा तिरंगा हमारा ……………बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति……शिवाhttps://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-68580604548104608072011-01-27T13:57:12.225+05:302011-01-27T13:57:12.225+05:30देशभक्ति के भावों को जगाती एक सुंदर रचना !देशभक्ति के भावों को जगाती एक सुंदर रचना !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-69166154641543149882011-01-27T09:26:46.097+05:302011-01-27T09:26:46.097+05:30उससे ऊँचा तिरंगा हमारा …………
देशभक्ति से ओतप्रोत सु...उससे ऊँचा तिरंगा हमारा …………<br />देशभक्ति से ओतप्रोत सुन्दर रचना के लिए आपका आभार.पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-33442131123446901562011-01-27T09:24:54.823+05:302011-01-27T09:24:54.823+05:30आदरणीय मर्मज्ञ जी
नमस्कार !
सबसे ऊँचा गगन ...<b><i>आदरणीय मर्मज्ञ जी</i></b> <br />नमस्कार ! <br /><br /><b> सबसे ऊँचा गगन का सितारा, उससे ऊँचा तिरंगा हमारा !</b> <br />अत्यधिक सुंदर और प्रेरणास्पद गीत है , बधाई और आभार ! <br /><br /><b> सबसे ऊँचा गगन का सितारा, उससे ऊँचा तिरंगा हमारा ! </b> <br />बहुत ख़ूब !<br /><br />मैं कहता हूं - <br /><b>लहरादे तिरंगा ऊंचे आसमान पे !<br />फहरादे तिरंगा ऊंचे आसमान पे !<br />जानो-ईमां नज़्र कर हिंदोस्तान पे !<br /> </b> <br /><br /><b>गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !</b> <br /><br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-73052191618672113852011-01-27T07:45:38.385+05:302011-01-27T07:45:38.385+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-55963764319418329012011-01-27T07:45:37.242+05:302011-01-27T07:45:37.242+05:30देशभक्ति की भावना से भरी एक सुन्दर रचना के लिए मेर...देशभक्ति की भावना से भरी एक सुन्दर रचना के लिए मेरी बधाई...।प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-49317258495413250472011-01-27T00:23:38.140+05:302011-01-27T00:23:38.140+05:30राष्ट्र भक्ति के ये प्रेरक उद्गार हर मन में ऐसे ही...राष्ट्र भक्ति के ये प्रेरक उद्गार हर मन में ऐसे ही उत्साह जगा दें कि जन-जन सजग हो जाए !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-71476025811549313252011-01-27T00:23:37.476+05:302011-01-27T00:23:37.476+05:30राष्ट्र भक्ति के ये प्रेरक उद्गार हर मन में ऐसे ही...राष्ट्र भक्ति के ये प्रेरक उद्गार हर मन में ऐसे ही उत्साह जगा दें कि जन-जन सजग हो जाए !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-62255719007446063042011-01-26T23:25:47.693+05:302011-01-26T23:25:47.693+05:30.
जिस धारा पर बहे क्रांति-धारा !
@ शायद शुरुआती &....<br /><br />जिस धारा पर बहे क्रांति-धारा !<br />@ शायद शुरुआती 'धारा' को 'धरा' होना चाहिये. <br /><br />.PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-66373559294252357762011-01-26T23:20:10.061+05:302011-01-26T23:20:10.061+05:30.
मिट गए वो मिटाने जो आये, गोरे हारे सिकंदर....<br /><br />मिट गए वो मिटाने जो आये, गोरे हारे सिकंदर भी हारा !<br /><br />@ राहुल जी ने ठीक पकड़ा. यहाँ अतिव्याप्ति दोष आ गया है. <br />भाव-विशेष की अतिशयता चादर से बाहर पाँव निकाल बैठती है. <br />देश-भक्ति हास्यास्पद नहीं दिखनी चाहिये. <br /><br />.PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-19363219919817206292011-01-26T22:47:46.417+05:302011-01-26T22:47:46.417+05:30सिकंदर के हारने का भाव, तिरंगे के तथ्य के साथ खटक...सिकंदर के हारने का भाव, तिरंगे के तथ्य के साथ खटक रहा है, संभव है मैं आपकी कविता का आशय न समझ सका होउं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-17435554262749113852011-01-26T19:21:08.033+05:302011-01-26T19:21:08.033+05:30happy republic day.happy republic day.सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-45763946465191187542011-01-26T19:09:38.476+05:302011-01-26T19:09:38.476+05:30जब हवा बह चली बन के आँधी,
कोई बिस्मिल बना क...जब हवा बह चली बन के आँधी,<br /> कोई बिस्मिल बना कोई गाँधी,<br /> है ये हिम्मत,यही है वो ताक़त, जिसका तूफ़ान समझे इशारा ! सच मे बहुत प्रेरक और राष्ट्र प्रेम का जज़्बा जगाती रचना है । इस्के लिये आपको बहुत बहुत बधाई। इसे किसी सकूल की पुस्तिका मे छपने के लिये भेजें। आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें |निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com