tag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post4366567008456656261..comments2023-09-23T13:07:16.022+05:30Comments on मर्मज्ञ: "शब्द साधक मंच": ज्ञानचंद मर्मज्ञhttp://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-73403711683505727752010-11-18T10:08:40.456+05:302010-11-18T10:08:40.456+05:30समीक्षा के बाद यह रचना पढ़ी है ...लेकिन पढते हुए म...समीक्षा के बाद यह रचना पढ़ी है ...लेकिन पढते हुए मुझे कहीं कोई कमी महसूस नहीं हुई ..उत्तम रचना ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-75239024289087508112010-10-25T13:55:53.811+05:302010-10-25T13:55:53.811+05:30बहुत सुंदर कविता.. दुनिया असंवेदनशील हो गई है.. बह...बहुत सुंदर कविता.. दुनिया असंवेदनशील हो गई है.. बहुत खूब कहा है आपनेसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-73360723766825826952010-10-23T20:43:16.190+05:302010-10-23T20:43:16.190+05:30बहुत सुंदर सर! सत्य को आइना दिखाती रचना।बहुत सुंदर सर! सत्य को आइना दिखाती रचना।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-12511698961018893632010-10-23T19:07:30.006+05:302010-10-23T19:07:30.006+05:30बेहद खूबसूरत भाव .बेहतरीन अभिव्यक्ति.बेहद खूबसूरत भाव .बेहतरीन अभिव्यक्ति.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-66166862244888197402010-10-23T13:52:21.383+05:302010-10-23T13:52:21.383+05:30बहन निर्मला जी,रंजना जी,प्रियंका जी,हरदीप जी और अन...बहन निर्मला जी,रंजना जी,प्रियंका जी,हरदीप जी और अनुपमा जी,<br />अप सबने ब्लॉग पर आकर और अपनी सार्थक टिप्पणी देकर मेरे मनोबल को आकाशीय उंचाई प्रदान किया है!इसके लिए आप सबका आभारी हूँ !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-54782983885092916022010-10-23T11:11:54.158+05:302010-10-23T11:11:54.158+05:30bahut sundar aur bhaavpoorna rachna!
regards,bahut sundar aur bhaavpoorna rachna!<br />regards,अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-32945448931965342792010-10-23T01:27:21.908+05:302010-10-23T01:27:21.908+05:30वाह क्या बात है........
खूबसूरत भाव........ .
पहली...वाह क्या बात है........<br />खूबसूरत भाव........ .<br />पहली बार आपके ब्लॉग पर आना सार्थक हुआ!!!Shabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-28950612626642161002010-10-22T19:29:14.314+05:302010-10-22T19:29:14.314+05:30बहुत अच्छा लिख रहे हैं । मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ औ...बहुत अच्छा लिख रहे हैं । मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई...।<br /><br />प्रियंका गुप्ता<br />http://priyankakedastavez.blogspot.comप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-86009551463805215832010-10-22T18:42:01.126+05:302010-10-22T18:42:01.126+05:30खोखली दीवार को चीखों से कोई भर गया,
आईना भ...खोखली दीवार को चीखों से कोई भर गया,<br />आईना भी आदमी पहचानते ही डर गया,<br />कौन हो कुछ तो बताओ, ये शहर अब सो रहा है!<br /><br />वाह....मन को छूती बहुत ही भावपूर्ण सुन्दर रचना...<br />शायद शहर को सोया जान ही लोग इसके सब्र को आजमा रहे हैं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-89803222323870576122010-10-22T17:58:53.083+05:302010-10-22T17:58:53.083+05:30खौफ के बाज़ार में बेची गयी है हर ख़ुशी ,
...खौफ के बाज़ार में बेची गयी है हर ख़ुशी ,<br />ढूंढ़ लो इस ढेर में शायद पड़ी हो ज़िन्दगी ,<br />क्या पता पहचान जाओ,ये शहर अब सो रहा है!<br />एक एक पँक्ति काबिले तारीफ है। बधाई आपको।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-46759733031328608292010-10-22T10:27:39.863+05:302010-10-22T10:27:39.863+05:30आदरणीय अरुण जी,वंदना जी, अजय जी ,डा.दराल जी ,
आप स...आदरणीय अरुण जी,वंदना जी, अजय जी ,डा.दराल जी ,<br />आप सभी को हृदय से धन्यवाद प्रेषित करता हूँ ! आप सबके उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन ने मेरी कलम को नई शक्ति दी है !<br />सादर,<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-58252590909466788152010-10-22T08:46:04.462+05:302010-10-22T08:46:04.462+05:30भागने की होड़ है सबको उलझना है यहाँ,
रस्ते...भागने की होड़ है सबको उलझना है यहाँ,<br />रस्ते वीरान हैं फिर भी पहुंचना है वहां <br /><br />यथार्थ का सामना कराती रचना । बढ़िया ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-46800277022942638282010-10-21T20:12:03.777+05:302010-10-21T20:12:03.777+05:30सुंदर अभिव्यक्ति । यथार्थपरक ।सुंदर अभिव्यक्ति । यथार्थपरक ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-57243700952848443842010-10-21T18:18:59.487+05:302010-10-21T18:18:59.487+05:30खौफ के बाज़ार में
बेची गयी है हर ख़ुशी ,
ढूंढ़ लो ...खौफ के बाज़ार में<br />बेची गयी है हर ख़ुशी ,<br />ढूंढ़ लो इस ढेर में<br />शायद पड़ी हो ज़िन्दगी ,<br />क्या पता पहचान जाओ,<br />ये शहर अब सो रहा है! <br /><br />सच को दर्शाती बेहद खूबसूरत रचना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-30745405396360853612010-10-21T18:08:01.982+05:302010-10-21T18:08:01.982+05:30बहुत सुंदर कविता.. दुनिया असंवेदनशील हो गई है.. बह...बहुत सुंदर कविता.. दुनिया असंवेदनशील हो गई है.. बहुत खूब कहा है आपनेअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-54012405351392602682010-10-21T09:45:19.189+05:302010-10-21T09:45:19.189+05:30आप सबकी प्रतिक्रिया मेरे लिए उर्जा है ! किन शब्दों...आप सबकी प्रतिक्रिया मेरे लिए उर्जा है ! किन शब्दों में आभार प्रकट करूँ ,समझ नहीं पा रहा हूँ ! कृपया अपना स्नेह बनायें रखें.<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-17786257323400710782010-10-20T22:39:32.244+05:302010-10-20T22:39:32.244+05:30पहली बार आया यहाँ... इतनी सरल और सादे शब्दों में इ...पहली बार आया यहाँ... इतनी सरल और सादे शब्दों में इतने गहरे भाव!! एक सचाई और उसके पीछे छिपा दर्द... बेहतरीन!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-43041168190466350362010-10-20T22:21:15.607+05:302010-10-20T22:21:15.607+05:30शहर अब सो रहा है
बहुत सुन्दर कबिता भाव पूर्ण ----...शहर अब सो रहा है <br />बहुत सुन्दर कबिता भाव पूर्ण -------<br />बधाई---सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-81912247830327843672010-10-20T22:19:36.267+05:302010-10-20T22:19:36.267+05:30शहर अब सो रहा है
बहुत सुन्दर कबिता भाव पूर्ण ----...शहर अब सो रहा है <br />बहुत सुन्दर कबिता भाव पूर्ण -------<br />बधाई---Anonymoushttp://dirghatama.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-74384624600394752442010-10-20T21:28:23.526+05:302010-10-20T21:28:23.526+05:30वाह क्या बात है बहुत अच्छा लिखते हैं आप...पहली बार...वाह क्या बात है बहुत अच्छा लिखते हैं आप...पहली बार आपके ब्लॉग पर आना सार्थक हुआ.<br /><br />सुंदर सशक्त अभिव्यक्ति.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-19124621776992310012010-10-20T18:55:22.974+05:302010-10-20T18:55:22.974+05:30खोखली दीवार को चीखों से कोई भर गया,
आईना भ...खोखली दीवार को चीखों से कोई भर गया,<br />आईना भी आदमी पहचानते ही डर गया,<br />कौन हो कुछ तो बताओ, ये शहर अब सो रहा है!<br /><br />वाह... ! एक-एक शब्द मे अद्वितीय अभिव्यक्ति. आपने आम जीवन से उपमा और प्रतीक लेकर आधुनिक जीवन शैली के खोखलेपन पर गहरा कुठाराघात किया है. बहुत सुन्दर. धन्यवाद !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-12783799865289545272010-10-20T17:45:50.500+05:302010-10-20T17:45:50.500+05:30कहकहे नादान हैं खुशियों से कतराते हैं ये ,
...कहकहे नादान हैं खुशियों से कतराते हैं ये ,<br />जब भी होठों पर बुलाओ दूर छुप जाते हैं ये ,<br />फिर भी थोड़ा मुस्कराओ,ये शहर अब सो रहा है !<br /><br />खोखली दीवार को चीखों से कोई भर गया,<br />आईना भी आदमी पहचानते ही डर गया,<br />कौन हो कुछ तो बताओ, ये शहर अब सो रहा है!<br />gyanchand ji ,<br />bahut hi behatreen .pahli baar aapke blog par aai hun ,lekin lagta hai ab aana laga hi rahe rahega.<br /> aapkie sher bhi bahut khoob lage.<br />mere blog par apna samay dene ke liye hardik dhanyvaad.<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-16829609722152454272010-10-20T14:44:52.937+05:302010-10-20T14:44:52.937+05:30खौफ के बाज़ार में बेची गयी है हर ख़ुशी ,...खौफ के बाज़ार में बेची गयी है हर ख़ुशी ,<br />ढूंढ़ लो इस ढेर में शायद पड़ी हो ज़िन्दगी ,<br />क्या पता पहचान जाओ,ये शहर अब सो रहा है<br /><br />बेहद खूबसूरत भाव .बेहतरीन अभिव्यक्ति.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-19565071770286414932010-10-20T10:33:34.612+05:302010-10-20T10:33:34.612+05:30खौफ के बाज़ार में
बेची गयी है हर ख़ुशी ...खौफ के बाज़ार में <br />बेची गयी है हर ख़ुशी ,<br />ढूंढ़ लो इस ढेर में <br />शायद पड़ी हो ज़िन्दगी ,<br />क्या पता पहचान जाओ,<br />ये शहर अब सो रहा है! <br />--<br />बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति है!<br />--<br />सत्य को आइना दिखाती हुई रचना!<br />--<br />बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com