tag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post295026465971852919..comments2023-09-23T13:07:16.022+05:30Comments on मर्मज्ञ: "शब्द साधक मंच": आतंकवादज्ञानचंद मर्मज्ञhttp://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-89746532623727074372010-12-15T22:23:27.911+05:302010-12-15T22:23:27.911+05:30उस गली से कभी न गुज़रना,
लोग ज़िंदा जलाये गए हैं !...उस गली से कभी न गुज़रना,<br />लोग ज़िंदा जलाये गए हैं !<br />बच गईं चंद पत्थर की आँखें ,<br />जिनमें सावन छुपाये गए हैं ...<br />ज्ञानचंद जी,नमस्कार.एक संवेदनशील प्रस्तुति.सुन्दर लेखन................उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-48320485612641032962010-12-10T13:51:59.281+05:302010-12-10T13:51:59.281+05:30क्या कहूँ.....प्रशंसा को शब्द नहीं मेरे पास...
अत...क्या कहूँ.....प्रशंसा को शब्द नहीं मेरे पास...<br /><br />अति प्रभावशाली लेखनी !!!<br /><br />इस अप्रतिम लेखनी को नमन !!!!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-2580521002923502392010-12-08T13:42:44.923+05:302010-12-08T13:42:44.923+05:30aaj hi varanasi me visphot ki news padi...aur aaj ...aaj hi varanasi me visphot ki news padi...aur aaj hi aapki kavita padi...satik chitran...Archana writeshttps://www.blogger.com/profile/13281387446256155443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-24672893547391755042010-12-05T13:22:56.622+05:302010-12-05T13:22:56.622+05:30उस गली से कभी न गुज़रना,
लोग ज़िंदा जलाये गए ह...उस गली से कभी न गुज़रना,<br />लोग ज़िंदा जलाये गए हैं !<br />बच गईं चंद पत्थर की आँखें ,<br />जिनमें सावन छुपाये गए हैं ...<br /><br />बहुत कुछ शब्दों के माध्यम से कह दिया है आपने ... शोले से निकल रहे हैं जैसे दिल से ....<br />लाजवाब ज्ञान जी ... बेहतरीन रचना ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-87012532164999953842010-12-05T13:12:28.237+05:302010-12-05T13:12:28.237+05:30Hanth ke jakhm mein chudiyon ke,
chand tukre bhi p...Hanth ke jakhm mein chudiyon ke,<br />chand tukre bhi paye gaye hain.Marmsparshi post.Mera dusara sasamaran aapke injaar mein hai.प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-56945665321226069632010-12-04T14:04:46.250+05:302010-12-04T14:04:46.250+05:30तेज नाख़ून से वार करते,
ख़ून से ये बहुत प्या...तेज नाख़ून से वार करते,<br />ख़ून से ये बहुत प्यार करते !<br />पास इनके कफ़न लेके जाना,<br />ये तो लाशों का व्यापार करते !<br />अब इससे आगे क्या कहें ...बहुत संजीदा रचना <br />चलते -चलते पर आपका स्वागत हैकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-77101177162422531882010-12-03T03:39:59.605+05:302010-12-03T03:39:59.605+05:30bahut dardbhair par khoobsurat rachna!bahut dardbhair par khoobsurat rachna!Anjana Dayal de Prewitt (Gudia)https://www.blogger.com/profile/13896147864138128006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-70052358921699959022010-12-02T23:55:10.996+05:302010-12-02T23:55:10.996+05:30bahut marmikbahut marmikसूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-874408182867378422010-12-02T23:54:25.914+05:302010-12-02T23:54:25.914+05:30bahut marmikbahut marmikसूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-87086891357846294582010-12-02T23:22:26.869+05:302010-12-02T23:22:26.869+05:30सत्य उद्घाटित करती रचना!सत्य उद्घाटित करती रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-29093566937753462082010-12-02T20:21:39.135+05:302010-12-02T20:21:39.135+05:30हाथ के ज़ख्म में चूड़ियों के,
चंद टुकड़े भी ...हाथ के ज़ख्म में चूड़ियों के,<br />चंद टुकड़े भी पाए गए हैं !<br />....मार्मिक, हृदयस्पर्शी पंक्तियां हैं। सुंदर रचना के लिए साधुवाद ढ़ेर सारी बधाईयाँ।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-59280661654435562002010-12-02T20:01:53.942+05:302010-12-02T20:01:53.942+05:30हाथ के ज़ख्म में चूड़ियों के, चंद टु...हाथ के ज़ख्म में चूड़ियों के, चंद टुकड़े भी पाए गए हैं !<br /><br />ओह ! कितना दर्द छुपा है इन पंक्तियों में ।<br />कौन्सियस को झझकोरती रचना ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-39154711092831772702010-12-02T10:17:41.270+05:302010-12-02T10:17:41.270+05:30बेहतरीन रचना की प्रस्तुति .बेहतरीन रचना की प्रस्तुति .ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-91503439351244858902010-12-01T23:45:53.422+05:302010-12-01T23:45:53.422+05:30हृदय विदारक दृश्य प्रस्तुत कर दिया है आपने।
मार्मि...हृदय विदारक दृश्य प्रस्तुत कर दिया है आपने।<br />मार्मिक।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-51669058599196458632010-12-01T23:27:38.083+05:302010-12-01T23:27:38.083+05:30मर्मज्ञ जी आपकी इस दर्द एवं आक्रोश युक्त रचना का प...मर्मज्ञ जी आपकी इस दर्द एवं आक्रोश युक्त रचना का प्रभाव चित्रों के बिना भी पूर्णतया उजागर हो रहा है. अतः मेरा अनुरोध है कि आप इन विचलित करने वाले चित्रों को हटा लें तो शायद अधिक अच्छा लगेगा.अश्विनी कुमार रॉय Ashwani Kumar Royhttps://www.blogger.com/profile/01550476515930953270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-47866536223581875682010-12-01T19:53:09.726+05:302010-12-01T19:53:09.726+05:30मौत का साज़ो-सामान लेकर ,
ख़ौफ गलियों में...मौत का साज़ो-सामान लेकर ,<br /> ख़ौफ गलियों में रहने लगा है!<br /> देखकर इतना बेदर्द मंज़र,<br /> ख़ून आँखों से बहने लगा है !<br />सही कहा आज के हालात देख कर बहुत दुख होता है लेकिन शायद हम सब बेबस हैऔर झेलने के आदी हो गयी हैं। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-38873026628709593422010-12-01T18:14:20.881+05:302010-12-01T18:14:20.881+05:30भयावह।भयावह।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-25400084189621475952010-12-01T18:02:55.676+05:302010-12-01T18:02:55.676+05:30विज्ञप्ति०
‘मुक्तक विशेषांक’ हेतु रचनाएँ आमंत्रित...विज्ञप्ति० <br />‘मुक्तक विशेषांक’ हेतु रचनाएँ आमंत्रित-<br />देश की चर्चित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक त्रैमासिक पत्रिका ‘सरस्वती सुमन’ का आगामी एक अंक ‘मुक्तक विशेषांक’ होगा जिसके अतिथि संपादक होंगे सुपरिचित कवि जितेन्द्र ‘जौहर’। उक्त विशेषांक हेतु आपके विविधवर्णी (सामाजिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक, धार्मिक, शैक्षिक, देशभक्ति, पर्व-त्योहार, पर्यावरण, श्रृंगार, हास्य-व्यंग्य, आदि अन्यानेक विषयों/ भावों) पर केन्द्रित मुक्तक/रुबाई/कत्अ एवं तद्विषयक सारगर्भित एवं तथ्यपूर्ण आलेख सादर आमंत्रित हैं।<br /> <br />इस संग्रह का हिस्सा बनने के लिए न्यूनतम 10-12 और अधिकतम 20-22 मुक्तक भेजे जा सकते हैं।<br /><br /> लेखकों-कवियों के साथ ही, सुधी-शोधी पाठकगण भी ज्ञात / अज्ञात / सुज्ञात लेखकों के चर्चित अथवा भूले-बिसरे मुक्तक/रुबाइयात/कत्आत भेजकर ‘सरस्वती सुमन’ के इस दस्तावेजी ‘विशेषांक’ में सहभागी बन सकते हैं। प्रेषक का नाम ‘प्रस्तुतकर्ता’ के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। प्रेषक अपना पूरा नाम व पता (फोन नं. सहित) अवश्य लिखें।<br /><br />इस विशेषांक में एक विशेष स्तम्भ ‘अनिवासी भारतीयों के मुक्तक’ (यदि उसके लिए स्तरीय सामग्री यथासमय मिल सकी) भी प्रकाशित करने की योजना है।<br /><br /> भावी शोधार्थियों की सुविधा के लिए मुक्तक संग्रहों की संक्षिप्त समीक्षा सहित संदर्भ-सूची तैयार करने का कार्य भी प्रगति पर है।इसमें शामिल होने के लिए कविगण अपने प्रकाशित मुक्तक/रुबाई के संग्रह की प्रति प्रेषित करें! प्रति के साथ समीक्षा भी भेजी जा सकती है। <br /><br />प्रेषित सामग्री के साथ फोटो एवं परिचय भी संलग्न करें। समस्त सामग्री केवल डाक या कुरियर द्वारा (ई-मेल से नहीं) निम्न पते पर अति शीघ्र भेजें-<br /><br />जितेन्द्र ‘जौहर’<br />(अतिथि संपादक ‘सरस्वती सुमन’)<br />IR-13/6, रेणुसागर,<br />सोनभद्र (उ.प्र.) 231218.<br />मोबा. # : +91 9450320472<br />ईमेल का पता : jjauharpoet@gmail.com <br />यहाँ भी मौजूद : jitendrajauhar.blogspot.comजितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauharhttps://www.blogger.com/profile/06480314166015091329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-54434893006921618732010-12-01T17:55:49.944+05:302010-12-01T17:55:49.944+05:30मर्मज्ञ जी,
ये मुक्तक...अपने समय और समाज की एक बदन...मर्मज्ञ जी,<br />ये मुक्तक...अपने समय और समाज की एक बदनुमा सच्चाई से रू-ब-रू हैं...! यक़ीनन, लिखते समय आपके दिलो-दिमाग़ में आतंकवाद को लेकर काफी हलचल रही होगी...वही टपक पड़ी कग़ज़ पर...और मुक्तक बन गयी...ख़ुद-ब-ख़ुद...है न?जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauharhttps://www.blogger.com/profile/06480314166015091329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-24331773109542126382010-12-01T17:23:28.468+05:302010-12-01T17:23:28.468+05:30आदरणीय ज्ञानचंद जी,
नमस्कार !
बहुत खूब और पूरा सच
...आदरणीय ज्ञानचंद जी,<br />नमस्कार !<br />बहुत खूब और पूरा सच<br />.....बेहतरीन रचना ..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-33664696926025365792010-12-01T09:22:29.307+05:302010-12-01T09:22:29.307+05:30सभी पाठकों और शुभचिंतकों को मेरा उत्साह बढ़ाने के ...सभी पाठकों और शुभचिंतकों को मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-21514189834747894062010-11-30T23:13:26.871+05:302010-11-30T23:13:26.871+05:30कविता भावुक कराती हैं पर तस्वीरें विचलित!!कृपया इन...कविता भावुक कराती हैं पर तस्वीरें विचलित!!कृपया इनसे परहेज़ करें!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-85459455844361937472010-11-30T22:47:42.841+05:302010-11-30T22:47:42.841+05:30आज पहली बार आप के ब्लॉग पर आई हूं और बहुत उम्दा ले...आज पहली बार आप के ब्लॉग पर आई हूं और बहुत उम्दा लेखन से रू ब रू हुई हूं ,सुंदर मुक्तक ,उम्दा ग़ज़ल ,यहां तो साहित्यि का ख़ज़ाना है <br />बधाईइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-69530239228452878422010-11-30T22:18:09.931+05:302010-11-30T22:18:09.931+05:30bahut acchi rechna....bdhayi....bahut acchi rechna....bdhayi....PRIYANKA RATHOREhttps://www.blogger.com/profile/05173622889571039240noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7761994389985259866.post-53225885289981609482010-11-30T21:16:09.311+05:302010-11-30T21:16:09.311+05:30मौत का साज़ो-सामान लेकर ,
ख़ौफ गलियों मे...मौत का साज़ो-सामान लेकर , <br /> ख़ौफ गलियों में रहने लगा है!<br /> देखकर इतना बेदर्द मंज़र,<br /> ख़ून आँखों से बहने लगा है !<br />बहुत ही प्रभावी पंक्तियाँ हैं.... सच यही हाल है.... आभार एक संवेदनशील रचना के लिए डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com